बुधवार, 19 अगस्त 2009

सपनों को मिले पंख

मन में सकारात्मक सोच हो और जीवन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी काम मुस्किल नहीं होता। जब किसी का बेहतर मार्गदर्शन मिल जाए तो सफलता की राह और भी आसान हो जाती है।
ऐसा ही कुछ दिखाया है तमिलनाडु के ४७ वर्षीय श्री कठिरेसन जी ने। दो दसक पहले वे हैदराबाद के प्रतिरक्षा अनुसन्धान और विकास प्रयोग शाला में डॉ ऐ पी जे अब्दुल कलाम जी के ड्राईवर हुआ करते थे। बाद में देश के rashtrapati padको सुशोभित करने वाले जाने माने वैज्ञानिक की बातों से प्रेरित होकर उन्होंने पढ़ाई के क्षेत्र में एक ऐसा कृतिमान रच दिया। इसे जानकर देश वासी गर्व करता है। उनके इस प्रयास के बारे में जो भी सुनता या जनता है तो उनकी इस मेहनत व लगन की तारीफ किए बगैर नहीं रहता।
ड्राईवर का कम करते हुए महज कुछ ही पढ़ाई नहीं, बल्कि इतिहास जैसे विषय में पीएचडी की उपाधि ग्रहण करना, अपने आप में एक बड़ी बात है। कलाम साहब के विचारों से प्रभावित होकर उनहोंने जो प्रयास किया। ऐसा दुनिया में बहुत कम ही लोग कर पाते हैं। वैसे ही कलाम साहब के प्रति देश के हर व्यक्ति में सम्मान की भावना है। उनके विचारों के बदौत किसी की जिन्दगी बदल जाए। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।
आज वे ड्राईवर से एक अध्यापक बन गए हैं। आज वे जिस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। यह हर उस व्यक्ति के लिए आंतरिक इच्छा शक्ति जागृत करने में सहायक है, जो हमेशा मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखते हैं। वैसे हर व्यक्ति को कलाम साहब जैसे महान सख्शियत के ड्राईवर बनकर कर चलाने का मौका नहीं मिलता, लेकिन इतना जरूर है की कलाम साहब के विचारों से कैसे किसी जिन्दगी बदली है। यह इतिहास में दर्ज हो गया है। जो व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ना चाहता है, उनके लिए यह बार मायने रखेगी और नई पीढी को इससे निशिचित ही शिख मिलेगी।
मेरी ओर से ऐसे प्रेरणा को प्रणाम....
जो सपनों को पंख दे दे।

2 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

pप्रेरण और सकारात्मक सोच आदमी के लिये दीप शिखा जैसा काम करती है । और कलाम साहिब ने खुद प्रेरणा उड्ते हुये पक्षिओं से ली थी। बहुत बदिया पोस्ट है शुभकामनायें

अनुनाद सिंह ने कहा…

बहुत अत्साह भरने वाली बात बतायी। साधुवाद!