शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

हम साथ-साथ हैं...

आज जिस ढंग से लोगों के विचारों में परिवर्तन आ रहा है और बदलते समय के स्वार्थी होते जा रहे हैं। लोग एक दूसरे के हितों के बारे में न सोचकर स्वहित के बारे में सोचते हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय जांजगीर चाम्पा से १५ किमी दूर गाँव भडेसर में आम लोंगों के बजाय अजगर सांप कुछ ऐसा संदेश दे रहे हैं, जिससे आत्मीयता का भावः दिखाई देता है। यहाँ के निवासी महात्मा राम पाण्डेय के पुराने मकान के पास करीब डेढ़ सौ साल पुराना पीपल का पेड़ है। जहाँ एक ही पेड़ पर वर्षों से पच्चास से ज्यादा अजगर एक साथ रहते हैं। ये प्राणी लोगों को सिख दे रहे हैं की हम साथ- साथ हैं और भविष्य में भी उनका बसेरा यही रहेगा। सबसे बड़ी बात हैं की ये अजगरों ने अब तक किसी व्यक्ति नुकसान नहीं पहुचाया है।
भडेसर के पीपल के पेड़ पर इतने खोखले हो चुके हैं की अजगर इन्हीं खोल में अपना आशियाना बनाकर रखे हुए हैं। अजगर आसपास के घरों में भी चले जाते हैं, लेकिन वे कुछ नहीं करते और घुमने के फिर वापस पेड़ के खोल में चले जाते हैं। यह सिलसिला लंबे समय से जरी है।
भडेसर निवासी श्री पांडे का कहना है की पेड़ में शुरुआत में एक-दो ही अजगर थे। बाद में प्रजनन के साथ ही आसपास गाँव में मिलने वाले अजगरों को यहीं लाया जाता है। एक पेड़ पर इतने सारे अजगरों को देखने लोंगों में कौतुहल का विषय होता है। जीवविज्ञानियों का कहना है की वातावरण मिलने से अजगर लंबे समय तक कहीं भी रूक सकता है, क्योंकि यह पालतू प्रजाति का जानवर होता है। आज की स्थिति में पेड़ पर पच्चास से भी ज्यादा अजगर हैं। जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
ठण्ड के दिनों में अजगर जैसे ही धुप निकलती है, वैसे ही वे पेड़ के खोल से बहार निकलते हैं। बाकि मौसम एक-दो दिख जाए तो बहुत है। बरसात के समय प्रजनन काल होता है और इस दौरान अजगर सपोलों को जन्मा देते हैं।
यहाँ महत्व बात यह है की लोग जहाँ एक छत के निचे लंबे समय तक नहीं रह सकते। ऐसे में ये अजगर लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है, क्योंकि वे वर्षों से एक साथ रह रहे है। अच्छी बात तो यह है की किसी दूसरे स्थान से पकड़कर लाये सांप भी जल्दी ही यहाँ के अनुकूल वातावरण में ढल जाता है।
भदेसर के इन अजगरों के बारे में लोग पहले सुनकर सिहर उठते हैं, लेकिन गाँव पहुँच कर देखने से यह समाज को संदेश देते नजर आते हैं, क्योंकि वे एक पेड़ पर वर्षों से रह रहे हैं, जबकि लोग अपनों के साथ एक छत के निचे साथ रहने परहेज करते हैं। ऐसे लोंगों के लिए ये अजगर मिसाल हैं, क्योंकि वे कहते हैं हम साथ-साथ हैं.....

1 टिप्पणी:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।