शुक्रवार, 29 मई 2009

राम नाम में रमे साधु संत

जांजगीर चाम्पा जिले के धार्मिक नगरी शिवरीनारायण के मठ मन्दिर में पिछले दो वर्षों से हर पल राम नाम सुनाई दे रहा है साधू संतों द्वारा बिना एक क्षण रुके ही अखंड राम नामकीर्तन का गायन किया जा रहा है। इसके लिए संतों की बारह टोलियाँ बनाई गई है। वैसे तो राम नाम कीर्तन गायन करने बारह वर्षों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है लेकिन कामना ऐसी है की यह अनंत काल तक चलता रहे। ऐसा आयोजन छत्तीसगढ़ में और कहीं देखने को नहीं मिलता। दूसरे प्रदेशों की धार्मिक नगरी में ऐसा देखने को मिलता है।
शिवरीनारायण का मठ मन्दिर में हर पल राम नाम गूंजता रहता है। यहाँ दो वर्ष पहले राम नाम कीर्तन की शुरुआत हुई थी जो अब पूरे शबाब पर है। मठ मन्दिर में तीसरे वर्ष कीर्तन का दौर शुरू हो गया है। इसके लिए साधू संतों की बारह टोलियाँ बनाई गई है। कीर्तन को लेकर दूर दूर से साधू संत पहुंचे हैं। इनमें बनारस कशी हरिद्वार उज्जैन चित्रकूट अयोध्या सहित अन्य स्थानों से संत पहुंचे हैं। जो संगीमय ढंग से कीर्तन गायन में लगे रहते हैं। शिवरीनारायण में जरी राम नाम कीर्तन की खास बात यही है की गायन व वादन एक क्षण भी नहीं रुकता। मन्दिर में पहुँचते ही राम नाम की धुन कानों में सुनाई देने लगती है। राम नाम कीर्तन चाहे बारिस हो या अँधेरा हो हर समय जारी रहता है। मन्दिर दर्शन के लिए जाने वाले हर व्यक्ति को हर समय राम नाम सुनाई देता है। इससे वहां का हमेशा भक्तिमय माहौल बना रहता है।
इस बारे में शिवरीनारायण मट्ठ के मट्ठा धिस राजेश्री महंत राम सुंदर दास का कहना है की अखंड राम नाम कीर्तन मन्दिर में कराने का मूल ध्येय धार्मिक भावना का संदेश देना है। साथ ही जग में शान्ति स्थापित हो। इसके लिए साधू संतों के सहयोग से आयोजन कराया जा रहा है। उनहोंने बताया की शिवरीनारायण भगवन जगन्नाथ का मूल स्थान है इसलिए यहाँ भक्त दर्शन करने पहुँचते हैं। राम नाम गायन सुनकर भक्तों आत्मीय शान्ति मिलती है। इस अखंड राम नाम कीर्तन को सफल बनने में साधू संतों का विशेष सहयोग मिल रहा है।
शिवरीनारायण के मट्ठ मन्दिर में बह रही राम नाम की अविरल धारा निश्चित रूप से जीवन को नया संदेश देती है। धार्मिक भावना से ओतप्रोत यह आयोजन समाज में एक मिसाल बन जाएगा। लोग आज भागमभाग की जिन्दगी जी रहे हैं। ऐसे में यह राम नाम का अविरल अखंड कीर्तन समाज को नई दिशा देने में अहम् भूमिका निभाएगी।